जब हुसन था उनका जल्वानु मान्वार का आलम क्या होगार
कोई फिदाहे बिन देखे दीदार का आलम क्या होगार
जब हुसन था उनका जल्वानु मान्वार का आलम क्या होगार
अन्यवारिका आलम क्या होगार
जिस वक्त थे खित्री
दिमत में उनकी
बूबक्र उमर उसमानो अली
उस वक्त नभी ए अकरम के दर्बार
का आलम क्या होगार
जब हुसन था उनका जल्वानु मान्वार का आलम क्या होगार
अन्यवारिका आलम क्या होगार
चाहे तो इशारों से
अपने
काया ही पलट दे दुनिया की
ये शान है खिदमत धारों की
ये शान है खिदमत धारों की
चान है खिदमत गारों की सरकार का आलम क्या होगा।
जब हुसनिता उनका जर्वानुमाने वारिका आलम क्या होगा।
जब शम्मेरे सालते रोशन हो।
क्यूं कर न जले परवाना ए दिल।
क्यूं कर न जले परवाना ए दिल।
जब रश के मसीहा आ जाएं पीमार का आलम क्या होगा।
जब हुसनिता उनका जर्वानुमाने वारिका आलम क्या होगा।
अने वारिका आलम क्या होगा।
मैं राज की शब हक से मिलने।
वो अर्श मौल्य।
वो अर्श मौल्य।
रःफ तार का आलम क्या होगा।
रःफ तार का आलम क्या होगा।
गुफ तार का आलम क्या होगा।
गुफ तार का आलम क्या होगा।
गुफ तार क्या होगा।
जब हुसेनिता हुनिका जल्बानुमा अनेवारिका आलमे क्या होगा
अनेवारिका आलमे क्या होगा
कहते हैं अरब के जर्णों पर
अन्वार की बारिश होती है
अन्वार की बारिश होती है
ऐ नजम न जाने
ऐ नजम न जाने
कुल्जार का आलम क्या होगा
जब हुसेनिता हुनिका जल्बानुमा
अनेवारिका आलमे क्या होगा
जब हुसेनिता हुनिका जल्बानुमा
अन्वारिका आलमे क्या होगा
हर कोई विदा है बिर देखे
इदारिका आलमे क्या होगा
जब हुसेनिता हुनिका जल्बानुमा
अन्यवारिका आलमे क्या होगा।