खापो भज कराई भी जाची रे
बाहरा से आई है जब मर बला मुअ
ठीकिस ले हफसा बाहरा चीरे
बाहरा से आई है जब मर बाला मुअ
ठीकिस ले हफसा बाहरा चीरे
जाके बला कि मैं सूना ये साखी
ये सब कुछ कराई बुन कर जाय चारे
जाके बला आख में सूना ये साखी
ये सब कुछ कराई बुन कर जाय चारे
जाय चारे
लगे ना उने का के सटे दे हाँ
नहीं हो दे हैं से लिपाटे दे हाँ
कोई जे कुछ भले ये हम ना दाले गोले
घटा ना हम नहीं घटे दे हाँ
लगे ना उने का के सटे दे हाँ
नहीं हो दे हैं से लिपाटे दे हाँ
कोई जे कुछ भले ये हम ना दाले गोले
घटा ना हम नहीं घटे दे हाँ
जिदी जदी कोरी हैं उतने उंहारी हैं
सटने दे हाँ पासरे
जाके बला आख में सूना ये साखी
सब कुछ कराई बुन कर जाचे रे
कोईला से होई नूरी एक सन हो
संगित सों पिया भले छछनी जिया
हो जाई हो खेत हब एक सन हो
कोईला से होई नूरी एक सन हो
संगित सों पिया भले छछनी जिया
हो जाई हो खेत हब एक सन हो
मुन्न मतलबी सुहर अब सागर कोहल बात हम साच रहे
जाके बलाक में सुना ये साखी सब कुछ कराई पुन कर जाच रहे