रेत पर नाम कबो लिखल न जाला
रेत पर लिखल नाम कबो टिक न पाला
लोग कहता कि हम पत्थर दिलबानी
लोग कहता कि हम पत्थर दिलबानी
बाकि पत्थर पर लिखल नाम
कबो मिट न पाला
मिट न पाला
तोहरा भी नज़गी कैसे
कतले कताई हो
थोहरा भी नज़गी कैसे कतले कताई हो
चली गई लुजान काहे जान के बुलाई हो
देखलो ना पिछे जान
मुझावाबए कहा��ो
देखलो ना पीछे जान मुझावाबए कहालो
चली गई लुजान काहे जान के भुलाई हो
शायद उन्हें तलास है नए
प्यार की
क्योंकि उनकी नजर में हम पुराने हो गए
साथ किरिया खैले रहा,
साथ नहीं जूती
इनी गीर बिराने गयलो,
जाने गयलो लूटी
साथ किरिया
खैले रहा,
साथ नहीं जूती
देखे जबन जान,
बनी गयलो जूटी
कोरावा में हमारा के अब समाई हो
चली गई लूजान काहे
जान के भुलाई हो
मार जक्मी दिल के मुहपत के दुआदा,
आपन बेदध दिल में ननी साथ यगाधा
अरे जा बेवफा तोहसे कुछ नहोई,
अरे जा बेवफा तोहसे कुछ नहोई,
हमरा आपन ओड से मोत के दुआदा,
दुआदा
दुआदा
हर जक्म कोई ठोकर के महरबानी बार,
हमार जिनगी ता एक कहानी बार,
मिठा देती तोहर दिहन दर्द के सीना से,
बाकी दर्द ही तोहर आखरी निसानी बार
ठाकुर मिठलेस प्रेमी,
जी हैं के कर खातीर,
गननी न जाने हमर बार वेत न सातीर
ठाकुर मिठलेस प्रेमी,
जी हैं के कर खातीर,
गननी न जाने हमर बार वेत न सातीर
मोट का पाक के धोखा देलू, पिंटु से सगाई हो,
जली गईलू जान काहे जान के भुलाई हो,
जली गईलू जान चाहे दन के भुलाई हो,