जाती या बाबा के दुआरी
देखा या बहुत रंजिता कुमारी
जाती या बाबा के दुआरी
देखा या बहुत रंजिता कुमारी
हो रली हैं बाबा एक औरला चारी
जाती या बाबा के दुआरी
देखा या बहुत रंजिता कुमारी
जी नगी में बाटे एके बहुते नुदूख हो
भोले बाबा पूरा करिहे मनावा के भूख हो
गेरुआ रंग में रंगाईल बिया दरसन लाय गुताईल बिया
भूखल बिया पहिला सुमारी जात बिया
बाबा के दुआरी
सीवजी पे जल यब कि धारी
जात बिया रंजिता कुमारी
कांधावा पे कांवर लेके रहिया में डोले
बोला बम बोल बम के नारा खुदे बोले
बाबा से नहीं आला गोले बिया
कांवर में घंटी सजोले बिया
भूखल बिया बाबा के पुजारी
जात बिया बाबा के दुआरी
होर ले हैं दूख जात भारी
जात बिया रंजिता कुमारी