बोलो गया बाम...
ए...सुनो ताड़ू ?
का ?
हम जाता रहें लेवता पज़ा
धीत बचाएन।
लेकर इव पाह सूर लेहा बात।
ज़या ताड़ो नाँच देखें पारो के
लेखे लुनाली जो निमार होके
साझे से बाड पर यार होके
बाकि रोही हो हुसि यार होके
हुफ सुखाई ओपना थी
ज़या ताड़ो नाँच देखें पारो के
लेके लुनाली जो निमार होके
साझे से बाड पर यार होके
तू बाकि रोय हुफूसी यार होके
किरिया खाके ज़य हो धर से अपना कुणिया के
पुर्गराम में देख चुई हो दोलना चंगिया के
नहीं कोड़ा जो कोड़ा चोड़ा
सोली मेरा हाव
सुनीला चोड़ जाला पिके इसी देज़ पाउं
तानेला काटा डान सर के करेज़ पाउं
देला धेयान नहीं आपनान मेज़ पाउं
डरावा लागे देखीके तुहारी रहाँ हाँ एक के
डरावा लागे देखीके तुहारी रहाँ हाँ एक के
पर गराम में देखी छूई हाँ जलना हाँ चली हाँ के
डरावा लागे देखी तुहारी रहाँ हाँ एक के
डरावा लागे देखी तुहारी रहाँ हाँ एक के
पर गराम में देखी छूई हाँ जलना हाँ चली हाँ के
जाता औरो नाँच देखे पारो के
लेके दुनाली जन मार हो के
साझे से बाड़ा परियार हो के
तुबा की रोयो हो सियार हो के
गिरिया खाके जाए हो घर से अपना गणिया के
पर गराम में देखी छूई हाँ जलना हाँ चली हाँ के
सुलनी नूनू एराहा हो जाता रा खाराब करमे का