ये जो तेरी मेरी बाते हैं मदःोष कर गई
लम है जजबातों के मेरा चैन ले गई
ये जो तेरी मेरी बाते हैं मदःोष कर गई
लम है जजबातों के मेरा चैन ले गई
सास को सासों में
एहसास को एहसासों में
घुलने दो पिघलने दो
दो जिस्मों और एक जान ये इश्टु मेरा रहे रुमा तुझे पुकार
सुन जरा ना कभी ये रुकता है ना घि थंता है बस ये चलता है
ये जो तेरी मेरी बाते हैं मदःोष कर गई
लम है जजबातों के मेरा चैन ले गई
इश्व का जजबा
कैसा जूबा
तु जाने ना मैं जानू ना
तन्हा जजीरा
साहिल अधूरा
जुड़के तुझे से कामिल हुआ
वाबों को वर्डित्वों में अर्मानों को जजबातों में उतर ने दो
सबर ने दो
हसी हो जाएँ कारवा
इश्व मेरा बहरमा तुझे पुकार सुन सरा
ना कभी ये रुकते है ना ही थमते है वसिय चलता
ये जो तेरी मेरी बाते हैं मदभोष कर गई
लम है जजबातों को मेरा चैन ले गई
सासों को सासों में
एहसास को एहसासों में
बुलने दो पिघलने दो दो जिस्मों और एक जान
ये श्व मेरा बहरमा तुझे पुकार सुन सरा
ना कभी ये रुकते है ना ही थमते है वसिय चलता ये
ये जो तेरी मेरी बाते हैं मदभोष कर गई
लम है जजबातों के मेरा चैन ले गई
दारीरी