इश्क में दूबा चांद है
जब तु देखे तो नूर बन जाये
तेरे मुस्कान से महका समा
तेरे नैनों से दुनिया सज जाये
तु मेरी हर दूआ का जवाब
तु मेरी रूह का सुकूं है
तेरे बिना हर पल अधूरा
तु आये तो मैंका जहाँ है
देखता हूँ तुझ में गीतु मेरी जिन्दगी का रंग है
तु मेरी दूआ का सापर तु मेरी मोहपत का धड़कन है
तु नूर बन जाये
तेरे मुस्थान से महका समा
तेरे नैनों से दुनिया सज जाये
तेरे इश्क में डूबा चांड बस तेरा ही अकस दिखाता है