हम हर गय जिनी, हम हर गय जिनी राज
समाज का दप्स्तूर के आगे हम अपना प्यार कीमोंघटम हार गय जिनी
हार गय जिनी
ना, तु आईसे माल गयो,okeeी हत हूारा
तप तूत चूप हो,पके हमारे पशान जिनी लोड है
तजनीया लुट से
आगे मत कहा
हो गयल किसमत हमार कोई सन आज हो
काहे भयल बिहीया पगली हमसे नराज हो
हो गयल किसमत हमार कोई सन आज हो
है
देखे गईन बिलिया हमके उर्ता कली लिल्प हो
जखं बाते अतना की होला ना ठीक हो
उन बेवाथा के याद हो कोके आँख भग आई
इश्के जेखो जाई के भूए तरप तरप मरी जाई
अपने जे कोई लस धोखा दोसरा के का कहीं कोरी का भरोसा हम के कोरी साथ रही
अनि यार के मारोल लोग के जारोल के तरसे हाल सुनाई
इश्के जेखो जाई के भूए तरप तरप मरी जाई