दिल के कोने में एक राज है छुपा
जिसे चांद भी ना देखे,
सूरज भी गवरा
क्या है ये इश्क का दर्या
या एक गहरा दुख हो
इश्क का दर्या
दर्या बे किनारा
दूबे जो इसमें मिलता
बस सहारा
इश्क का दर्या
इश्क का दर्या
आँखों के आँसु
गंगा की धार
सांस में बस जले अगनी का संसार
मन का शोर छुप सिर्फ एक पुकर
तू है कहां मैं हूं कहां
ये राह आएक इंतिहां
दर्या
दर्या बे किनारा दूबे जो इसमें
दूबे जो इसमें
प्राजारूँ का है सफर
हर कदम पे मिलता एक नया मन्जर
फिर क्यूं लगता
सब कुछ है बेखबर