इश्क उमरे का रोग है ऐसा
जो हर तने को लग जावे है
इश्क बिना जिन्दगी है अधूरी
इस रोग से ना कोई बच पावे है
कोई हम सफर मिल जाए
कोई हम साया बन जाए
कोई हम सफर मिल जाए
कोई हम साया बन जाए
कोई दिल में जगा देकर अपना बनाए
ऐसा संजोग बना दे ओ रब्बा
ऐसा संजोग बना दे ओ रब्बा
मुझे
इशिक दरोग लगा दे
ओ रब्बा
मुझे
इशिक दरोग लगा दे
...
इशक्ते इवादत खुदा की सधियों की ये रीत है
दिल से दिल को मिला दे जो एक दूझे की प्रीत है
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इश्क इवादत खुदा की सधियों की ये रीत है ।
इबादत है खुदा की सदियों की ये रीत है
दिल से दिल को मिला दे जो एक दूझे की प्रीत है
मेरे दिल का खाब सजा दे ओ रब्बा
मेरे दिल का खाब सजा दे ओ रब्बा
मुझे इशिक दरोग लगा दे
ओ रब्बा मुझे इशिक दरोग लगा दे
मुझे इशिक दरोग लगा दे
मुझे इशिक दरोग लगा दे ओ रब्बा
मुझे इशिक दरोग लगा दे
मुझे इशिक दरोग लगा दे ओ रब्बा
मुझे इशिक दरोग लगा दे