सोनू
गार न फुरिया
दुनिया मैं देखी नारे कोई सीलुगाई हो
मूबट वासा गोल
लामभी चोटी मरे थी जोल
हीरा मूबट वासा गोल
लामभी चोटी मरे थी जोल
साद्गी जल कैती रे के करूँ बड़ाई हाँ
दुनिया मैं देखी नारे कोई सीलुगाई हो
हेर
होठे से चनू कोई फूल गुलाब कती दिन दोले मैं चल रे थे खवाब
जोल
काल जकटारी थी जोल काल जक्टारी थी आँक्ख्याम स्याही हो
दुनिया मैं देखी नारे कोई सी लुगाई हो
अस हस के बोलना
जणु जड़ाय फूल से
जुम के न्यू हल सामन की जूल से
अस हस के बोलना जणु जड़ाय फूल से
गड़ रखी थी वा फूरसत में
किरसन दाई मा कुदरत ने
किरसन दाई मा कुदरत ने
वा गजब बनाई हो