απ अभा सितदा भी रक बान रखे जा हूंगा इस तरह आशिकी का असर छोड़ जाओंगा तेरे जहरे पे अपनी नजर छोड़ जाओंगा तेरे जहरे पे अपनी नजर छोड़ जाओंगा मैं दिवाना बन गया हूं कैसी ये मुहाबत है सिंदगी से बढ़ के मुझे को अब तेरी जरूरत है मुझको तू चाहिए तेरा प्यार चाहिए इक बार नहीं सौबार चाहिए हर सास मैं अपनी तुझ़ पे लुटाऊंगा दिल के लहूं से तेरी मांग सजाऊंगा तेरे जहरे पे अपनी नजर छोड़ जाओंगा इस तरह आशिकी का तेरे जहरे पे अपनी नजर छोड़ जाऊंगा