चोटा सा, चोटा सा घिल मेरा, घिल मेरा समंदर से भी ज्यादा
है इसमें प्यार देना, खुद पे इख्तियार नहीं, तेरे बिन जैन करार नहीं
खुद पे इख्तियार नहीं, तेरे बिन जैन करार नहीं
खुद पे इख्तियार नहीं, तेरे बिन जैन करार नहीं
तू जादूगरी है, मेरे दिल पे छा गई है, करता हूँ शुक्र रभ का, तू मुझे को मिली है
जीना सकूं तेरे बिना, मांगूना कुछ और, खुद पे इख्तियार नहीं, तेरे बिन जैन करार नहीं
खुद पे इख्तियार नहीं, तेरे बिन जैन करार नहीं
खुद पे इख्तियार नहीं