उसन है तेरा नशह सहब जिसमुछ लगता जाम हैकाली काली जुल्प तेरी मैखाने की शाम हैमरकजे दीदाए वाफा तू है मेरे एहसास की दुआ तू हैतेरा अंदाज का फिराना है तू सरापा शराब खाना है ये तेरे सुर्ख लब अरे तौबा दिल पे ढाए गजब अरे तौबातेरी आँखे शराब का दरिया माताबा फताब का दरिया तेरी जो बात है निराली है तू खयालों में रहने वाली हैतेरा चहरा गुलाब सा चहरा आस्मानी किताब सा चहरा सुभे कश्मीर जैसी पेशानी उतने गुजरात जैसी नदानी तूमेंंपंजाब जैसी घर्मी हैतूमेंबंगाल जैसी नर्मी हैतू है रसता भी और मंझिल भी तू मसीहा भी और कातिल भी यूँ तो चाहत का शहर लगती है जाने क्यों फिर भी जहर लगती हैजाने बारा जाने गुलिस्ता बोल तेरा क्या नाम है पूछता हूँ नाम क्यों के तुझसे मुझे काम हैमांग एक कहका शांकी वादी है तू सितारों की शाहजादी है चांदने तेरी बात मानी है चांदनी तेरी नौकराणी हैएक इशारे में तेरा काम बने शाहजादा तेरा गुलाम बने पहले दिल के लिए हभीब है तू सिंदगी से बहुत तरेब है तूअल्ला अल्ला तेरी अंगडाई जैसे बजती हो सुर में शेहनाई तेरी आँखों में अंग भी नाचे शाल की ताल पर जमीनाचे जब भी तेरी निगाह जुब जाए गरदिशे काईना तो रुब जाएतेरी मस्ती है यार में आहू तू है बंगाल का हसी जादो मेरी हर एक निगाह सूरज है और इसी से तेरी सजधज है उसन अच्छा है दिल नहीं अच्छा रूब सच्छा है दिल नहीं सच्छादेखा है मैंने जब से तुझ को दिल को बहुत आराम है रोशन रोशन सुभ है मेरी और सलोनी शाम हैमरकज फसल गुल है तेरा बदन तू है महका हुआ हसीन चमन तेरी छोखट बहार की मंधिल या दिल बेकरार की मंधिल तेरा जल्वा घरूर सुभ है अजल तेरा पैकर है जैसे ताज महल रूह मुंताज तेरी सानी है तू महबत की राजधानी हैतेरी सूरत निगार खाना है तेरे कदमों में ये जमाना है तीरे होटों से जब किरन पूटे माता भी सिहर तरप छोटेजिंदिगी का गुरूर तुझसे है मेरे छहरे का नूर तुझसे है शाहना तुझको एक तयामत हैजाने मन तुझ भी एक आफत है फूबशूरत है और नाग भी है सिर्फ शबनम नहीं है आग भी हैफिक्र तैसर की दिलकशी है तु मैं हूँ शायर तो शायरी है तुमेरा दिल है तेरा दिवाना मुझ पे यही इलजाम है आती जाती सांस मेरी छहर का पेगाम हैआती जाती सांस मेरी छहर का पेगाम है