ये जन्या समझतो गई हूँ
सब सेंके अब तो रही हूँ
पर इन सारे लोगों के शोर में
खुद को टूड़ू मैं कहां
टूड़ू मैं कहां
लम है अलग सब से होके
अपने ही भी बाते न सुरके
अपने ही सईयालों को चुलके खो जाओ अकेलिया
ये दुन्या कवे मेरी नाती सच्चाइंटी मेरी तुननी
सितारों राजमनों से ले चलो बादलों के पाद
अपनी दिन ने यवाज
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