बाम्बे के कम्पनी टीप से बहुत धूम मचालेबा
गली गली में गुझेला की
मन सब के हर सवलेबा
दिल्ली वाली दुलहीन आयली
कैसेट संग में लैली
भाईल देवर के मन सत्रंगी
कन्या जब दुवरा वर आयली
हम के नीक लागे दिल्ली के दुलहणिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
हम के नीक लागे दिल्ली के दुलहणिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
दानी दानी चुनरी लहार मारे अंगना
चोह केला चुडिला खनकी उठे कंगना
लाली बिंदिया से चमके किरिनिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
हम के नीक लागे दिल्ली के दुलहणिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
गजरा के गजरा से लागल भाईयारी
रही रही के घुंगताई देला उधारी
होली छूई मूई ससुरा में कनिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
हम के नीक लागे दिल्ली के दुलहणिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
गड़ी गड़ी न नदी से खोलाथी ठोली
सासु जी के देखते ही बनि जाली भोली
हमरी भौव जी के नीक बारहनिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
हम के नीक लागे दिल्ली के दुलहणिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
अईली बिहार में बहार लेके रानी
अईली बिहार में बहार लेके रानी
मन्जुल भुला गईले दिल्ली राजधानी
जैसे लच्छिमी के आईल बाचर निया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
हमके नीक लागे दिल्ली के दुलहनिया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया
की रुंजुन रुंजुन बाजे पैज़निया