मुझे तो प्यार बहत तुम से चुपाना चाहा
मुझे तो प्यार बहत तुम से चुपाना चाहा
जिर्दे हाँ तो हुए मजबर तो एक बार किया
मुझे तो प्यार बहत तुम से चुपाना चाहा
हमने तो तुम तो बहत अपना बनाना चाहा
कुमने हर बार मगर प्यार से इनकार किया
आशिरादाद न समझे ये मृभग क्या है
जार क्या सीज है और मुझसी हफिजा क्या है
तुमने सोये हुए जिस बात कपी कारी किया जिन्ने हाथों हुए मजबूर ताई पंजारी किया
प्यार हर दिल पे असर करता है जादू की तरहा
जार सासों में उतर जाता है फुश्बू की तरहा
दिल वो दिल ही नहीं जिसमें न कभी प्यार किया
तुमने हर बार मगर प्यार से इनकार किया
तुमने हर बार मगर प्यार से इनकार किया
त्याहार रूप टेलट आफ शिष्रात की बाण मघर जाना शौरां ठाल जब हमbi ट्रिलिए दिलों धर inconvenient कैशरों में न महसूस त्याहार सेधार किया
तुम नहीं जिल में मुहाबत का गुला हमारी किया
तुम हर बार मगर प्यार से इनकार किया
हम तो प्यार बहत तुम से चुपाना चाहा
जीते हैं तुम हुए मजबूर तरफ गार किया
तुम हर बार मगर प्यार से इनकार किया
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