मेरी जान
दूर है तू
आसमा में ढूने आँखों का नूर
दिल से कहे
जो बाते
तारे गवा है
मेरी दूआ
रातों को जबती आँखें तेरे सपनों से मिलने लगी
दूरी के फासल मितने तेरे साथ जीने लगी
तेरा प्यार मेरा गुबार रदूआ मैं मांगा तुझे
आसमा में तारे कहते हम एक दिन पिलेंगे जरूर
गब्डाना तु
साथ बिठाएंगे ये पल
आँखुं से दूर पर दिल कहीं हम हैं