हर्णालि
देख के मुँ में तेरे पानी वला ले
वले वले लै लै लै लै वले वले लै लै लै वले वले लै लै लै वले वले लै लै लै हम लाए लाए लाए लाए है
।
पलके जो उठा दी तो नजर टीर बनेगी
दुलपों अगर खोल दे जंदीर बनेगी
जल वे जो करे आम तो परवाने जलेंगे
जल वे जो करे आम तो परवाने जलेंगे
तो वरवाले जलेंगे खस देंगे तो फिर हाथ फरील्टे भी मलेंगे
दुनिया में नहीं कोई वले अपना तो सानी बना ले
वले वले लै लै लै लै वले वले लै लै लै
लाइ लाइ लाइ लाइ लाइ है
रंगत है गुलाबों सी बदन ताज़ा पवल है
हम चलते हुए फिलते हुए ताज महल है
रंगत है गुलाबों सी बदन ताज़ा पवल है
हम चलते हुए फिलते हुए ताज महल है
ताज महल है जन्नत से उड़ा लाए हैं रंगीन हवाएं जन्नत से उड़ा लाए हैं रंगीन हवाएं
भूरों के चुड़ा लाए हैं नमकीन अदाएं चहते हैं पकत तुमसे वले दिल की कहानी है लाले
है कि लाइट न नहीं ही वन महिले नहीं शाघ्र मले बने नहीं लाई लाए लाइए