हमको अपनी तलब से सिवा चाहिए
हमको अपनी तलब से सिवा चाहिए
आप जैसे हैं वैसी आता चाहिए
आसतान हभीब खुदा चाहिए
हमको इसके सिवा और क्या चाहिए
क्यों कहूं ये आता वो आता चाहिए
आपको इल्म है हमको क्या चाहिए
भरके जोली मेरी मेरे सर्कार दे
मुस्कुरा कर कहां और क्या चाहिए
इक कदम भी नहम चल सकेंगे यूदू
हर कदम पर करम आपका चाहिए
आप अपनी घुलामी की दे दे सानद
बस यही अइज़ात और मर्तवा चाहिए
ये तमन्ना हो पूरी शहेदो सरा
हमको कदमों में थोली सी जाँ चाहिए
दर्दे जामी मिले नाद खालित लिखू
और अन्दाज आहमद राजा चाहिए
आप जैसे हैं वैसी आता चाहिए