बेफिकरी तू काहे करे
हो रहा क्यों हम से परे
सुनले कभी तो मेरे गिले
कब से पड़े जो दिल में मेरे
पास हो पर
गुम कही
ये सितम क्या कम नही
साजन मोरे हम है अधूरे
पाउ धरो कभी आंगन मोरे
साजन मोरे हम है अधूरे पाउ धरो कभी आंगन मोरे
आंगन मोरे आओ
पियाँ आँगन मोरे
रोते रोते नैन ठके
फिर भी तेरी आस रखू
मैं तो तेरी रहा थकू पिया तेरी चाह मैं मैं जीओं
कितना करोगे फुद से जुदा
साजन मोरे हम है अधूरे पाउ धरो कभी
आंगन मोरे
आंगन मोरे