जब इनकर घर्वाली हसी हसी मा इनसे कहलस इनकर छोटी सालीहोई जंता के उधार वादा कैले वाँ सरकारबढ़ती आबादी तु पहले समाला बभुआ जाके नस्पंदी कराला कराला बभुआबारा साल में दस लईकन के लाइनी तु लगवलातु अपने आकास चे ज्यादा आपन बोज बढ़ा।छोटा मोटा बार रोज़गार लंबा चोड़ा बार व्योपार जीवन हो जाई दिवाला दिवाला बभुआ जाके नस्पंदी कराला कराला बभुआतु जो सोचले बाटाई का हमरे कामे आईबढ़के खैबा बुढवापन में लैका हमार कमाली इस सब सोचल बाबेकार तोहरा फिर गईले कबार इस सब पतिया अपने मनवासी निकाला बभुआ जाके नस्पंदी कराला कराला बभुआजाके नस्पंदी कराला कराला बभुआगल्यूके लैका का जन है बाब है का महतारीमहतारी के लैकी लैका बाब के ठोकर मारीकरी है दुरगतिया तोहार धैके रोईबा तू कबारआपन इजन दिया तू अपनी बचाला बभुआ जाके नस्पंदी कराला कराला बभुआएक लैका एक लैकी एक तू एक तोहार घरवालीएक तोहार घरवाली चार जने जो होई है घरमा रोज रही दीवालीअब सरसुखी रही परिवार तोहरा देश तोहार सरकारआपन जी अराना मुश्किल में डाला बभुआ जाके नस्पंदी कराला कराला बभुआ