कैसे भूला दू मैं लम्हे जो बीते हैं
वो है मेरे तू जो नहीं
ये कैसे बात है अभी जो देखू मैं
तुझको तो है सासे धमती
अब तो वो बतें वो सारी रतें
लगती है मुझको वसे ख़ौब सी
मुझे सोने दे इन में खोने दे
और जो गया तू होगे नहीं
मैं खोश को गया हूँ
मैं खोश को गया हूँ
तेरा हो के नहीं किया हूँ
मैं खोश को गया हूँ
कमस कम दिन में तू तुझको भूलाने की
कोशिशे चल जाती फिर भी
रात जो आती है तुझको ले आती है
हैयालों में तू बस जाती
तेरे लिए तो बहुत असा है
आदित है तुझको आकिचाने की
मेरे लिए फिर मुश्किल रावा है
यादों से तुझको हटाने की
मैं खोश को गया हूँ
तेरा हो के नहीं किया हूँ
मैं खोश को गया हूँ
मैं खोश को गया हूँ
मैं खोश को गया हूँ
तेरा हो के नहीं किया हूँ
मैं खोश को गया हूँ