बस यही सोचू मैं पढ़ा पढ़ाइस दुनिया के बारे में जो भी पढ़ाइस दुनिया ने बदला है रंग बढ़ातो कैसे उमेदों पे सब की करापहुँचा मैं मन्जिल पर गिरता पढ़ाफिर भी ये दम मेरा क्यों कम पढ़ाइस दुनिया ने बदला है रंग बढ़ातो कैसे उमेदों पे सब की करामुझको तो पहले ही ख्वाबों में दिख गयालिखा जो शब्द वो एक एकर बिग गयामिटने लगा वजूद मेरा अपनों में दम ना लगेइने मेरे अब सपनों में प्यार कियाजिसको तगा वो कर गयाउस दिन से मेरा कुछ खोने का डर गयामन मेरा इस दुनिया से भर गयालेकर वेदा उस खुदा के घर गयाहसकर वो बोला तो कलाकार बन गयाजब से तु दुनिया की माया में पड़ गयाअंदर से आवाज खाने लगेदुनिया भी मुझको सताने लगीकैसी मायूसी दिल पे हैचाने लगीअश्कों से बैता क्यों गम ना थमेबस यही सोचू मैं पड़ा पड़ाइस दुनिया के बारे में जो भी पड़ाइस दुनिया ने बदला है रंग बड़ातो कैसे उम्मीदों पे सब की खरानदीयों से अलफाज बैते हुएइनारे भी मुझसे अब कहते हुएके गहराईयों में तु बिख्रा बढ़ासमंदर में पानी बर बढ़ने लगागहराईयों से है रिष्टा मेराजो कहना था सबको वो कहना सकादिल मेरा ये फिर चल पड़ाजिस मंजिल से मैं था निर्वासन हुआपत पल पित तेरे ये बिख्रे अंगारहसकर मैं आया हूँ लेकर ये प्यारसुना है तु सुनता है सब की पुकारदे दे मुझे मेरी किस्मत उधारबस यही सोचू मैं पड़ा पड़ाइस दुनिया के बारे में जो भी पड़ाइस दुनिया ने बदला है रंग बड़ातो कैसे उम्मीदों पे सब की खरापहुँचा मैं मन्जिल पर गिरता पड़ाफिर भी ये दम मेरा क्यूं कम पड़ाइस दुनिया ने बदला है रंग बड़ातो कैसे उम्मीदों पे सब की खराइस दुनिया ने बदला है रंग बड़ातो कैसे उम्मीदों पे सब की खरापे सब की खरा