अगर
आही रो आही तोह के सोचव
रहना आया भीरीया से फुतव
अब
तो बेती मुर
ससुरा मैं होलिया
सुनने के बिना मिली दोखे सोना बाद
अब जन के थी तोहरा मीठ बोलीया
बुज़ना आया भी सुन
उलूट जिला ही हां बारा के
फगवा जोगीरा तोहरे के जोही अखिया होई बड़ी पीरा
रहवुन न रहवा से बनेन रनवलिया
ये जन भोलिया
अब तो बेती मुर
ससुरा मैं होलिया
अब सुनने के बिना मिली दोखे सोना बाद
अब जन के थी तोहरा मीठ बोलीया
बुज़ना आया
आये रे समया कोई लाज तोहरा से दूरे
पूरा नहीं होई है या बिसे करा ही है या दूरे
बुज़ना आया
अब तो बेती मुर ससुरा मैं होलिया
अब सुनने के बिना मिली दोखे सोना बाद
अब जन के थी
तोहरा मीठ बोलीया