ماऐ कै जर जो बोल हो दीबूर्जा न मान जो होओली हैमाऐ कै जर जो बोल हो दीबूर्जा न मान जो होpettoहोली मेदा ना क्हा हैबाड़ू तू हूँ खूस होलागता है आज बिली में तोहरा खूसल बड़ूए मूस होहमरो के बतावा तानी तहरा संहे का भईदागी जब ना बोल लो होगईतो ना के जर इच बोड़ होगईपहुँ जब ना रहे पहलेअब जब कहते जाएँ के बोड़ होगईअब जब नी समय बिताओ तू होबहरी भी तर रंग आओ तू होभरफां तुहार से निकाला बना बहरीदिन राटी आत पन ओथाईले रहो गहरीकई सने हेसास भई जब तुहारा भी तर गईदागी जब ना बोल लो होगईतो ना के जर इच बोड़ होगईपहुँझ पहुँझ पहुँझ तना रहे पहलेआओ जग है पझात की कोड़ गईपहुँझ पहुँझ पहुँझआओ जग है पझात की कोड़ गईपहुँझ पहुँझ तना रहे पहलेना के जर इच बोड़ होगईकोड़ लो बड़ा दे बोगनी जी के होचोली के दुनो तहरा जी जी के होजी जी के होहमले उकामबा माझे बारे से होमन नहीं होते योग भागतारे से होलालु राजी भी राजी पेहर तम याद रखो भूखे न करीता बीच बना बल नहों होगईसाइन ना के जर इच बोड़ होगईआउच पहुँचल बना रहे पहलेआग जोग है परजात की गोड़ होगईमाई जी