आजी काहे भसर हमार दिया तुहा कावेला
चाड़ को इलफा हुआ हो घरा बनाया वेला
हलो हलो काहसोना आजी सूत बेला आजी नाहसोना
होली हाँ आजी बड़ाए भसर दुता दिया तुहा कावेला
चाड़ को इलफा हुआ हो घरा बनाया वेला
आजी जब पेचड़ हलबा भगुआ हो रहता नीलुंगाई के
होली हाँ बेला
होली हाँ बेला
होली हाँ
लखा लखा रहा है बदना आपिया
तोरा भी ना लगाई नाही मना आपिया
तोरा भी ना लगाई ना लगाई मना आपिया
तोरा भी ना लगाई ना लगाई मना आपिया
तोरा भी ना लगाई ना लगाई मना आपिया
होली में रंग दीले बढ़वा हो गम चहा बिचाई के