देखिये यही फागम में एगो पत्मी अपना पती से आती होके
आपन दुख सुनावतारी
पती के रोहन कुरोहन हो गया है बाद
आरोहन भी गाड़े में एगो गाउं के हाजाम के जोगदान बाद
कहती यह गईलाये नाती हाजाम
कौन गौलती कौलर नी कितु हमारे यह बादला लेता रहो
बड़ी परेसान भी हाँ कैसे कहती हां
एराकेस भईया एराजु भईया भाव भाव एरवि भाव
भिरबल जी अखलेस के जोगदान बाद
बिगड़ालास
पियाउं के होली में एगो हाजाम भावजी
आपन दुख सुख सुनाओ तारी
बिगड़ालास पियाउं के होली में एगो हाजाम
भावजी फागन भर छूचे रहता ये मरगोदाम भावजी
फागन भर छूचे रहता ये मरगोदाम भावजी
पतनमे गर्दा को करा खाये बबुआ
जी पंकल पाटक जी अब याजी होली में पच करा एक बाद
छूडा कोई जी लेके संगे गावे गाव घुमावेला
लोटे लोटे तारी मारी
जोगी रा खूबे गावेला
फागन में छूचने लापाया हमार हो पाया हमार
छूडा कोई जी लेके संगे गावे गाव घुमावेला
लोटे लोटे तारी मारी जोगी रा खूबे गावेला
अब सोणा तो हो गईल बाद, दोस्त दोस्त न होला जी,
अई?
बाला उब्राजाय साभी हो,
मेरा दोस्त, दोस्त है,
आई?
बुखना लागे ममी,
के वाड़ी कोल,
जीयारी दिक बाबु जीयाओ,
याओ खलेश जीयाओ, गाणिया भिशाल बाबु जीयाओ, देजाओ
तेखें पड़ी परिसान बाड़ी
अपना पती के रोहन से
जीया पे तो किया लेके नो ही उदास तो लाईरायर आई
भीर बला खिलेश के संहाद धाईले बनाया
तीने लाई का भाईलो पाँ भाईल बाबे हाया
दीपाव खायल पील कैले, बहरा मैं भावजी
भर छूचे रहता है मुर्गोता मैं भावजी