अर्चड़र बफागुन महीना तब से लागे नाही मन
केकरा संगे हम खेराव अलियाँ ए रंग बिरंग
अर्चड़र बफागुन महीना तब से लागे नाही मन
अर्चड़र बफागुन महीना तब से लागे नाही मन
अर्चड़र बफागुन महीना तब से लागे नाही मन
होली खेलव हम तोहरे सं
होली है
परसाल गॉयल रहने
संया अरबिया
आया
लैब घर douliyane
सौलिया नहीं आई आई
लुपbbles
पुंटकारों सांगे घौइन दोल रूत बैरे में
घालि झाला नहीं घाला
कि हम हो मर्में
गॉइन में मन में
घड़ी घाड़ी कारतं यह सोची के हो मर मना घड़ी घाड़ी कारतं
संया भी आरब गईले लहरू देवर वो ना आईले
आईले आरे संया भी आरब गईले लहरू देवर वो ना आईले
होली खेलब हम तो हरे संग होली है
आमित दिली पसंजू कैले परसान हो चोलिया में डाले खाते
कैले तांग हो कैले तांग हो
चंदन मोहित देखी लाईल रहे रंगा वांग
बालेटी में घोर घोर रंगले जो बनावा
सातो कलर से बदनवा धिग गोईल आंग्या
सातो कलर से बदनवा धिग गोईल आंग्या
अरे संयातो आरब गईले लहरूदे वर्वो ना आईले
अरे संयातो आरब गईले लहरूदे वर्वो ना आईले
खुली खेलब हम तो हरे संग