सिया पति राम चंदर की जए
हओरी अवध की
होरी अवध की
लागे हैं प्यारि
होरी अवध की
लागे हैं प्यारि
होरी अवध की
लागे हैं प्यारि
होडी अवध की
लागे हैं प्यारि
सिया थंग खेलत है
आवध भिहारी
सिया थंग खेलत है
आवध भिहारी
होरी अवध की
हा
होरीआवधकी
लागे हैं प्यारि
होरीआवध की
लागे हैं प्यारी
सिया थंग खेलत है
आवध भिहारी
सिया फंटी राम चंड्र की ज़ै
कनक महल में
रंग बरसे
बाज रही शेहनाई
बाज रही शेहनाई
इत महराजा
दशरत ठारे
उत हैं तीनों माई
उत हैं तीनों माई
रंग अभीर कुलाल उडत हैं
मुझसखावत रँगराी
हनू मद रंग भरे पिजकारี
रंग खेले रगुराी
सिया फंटी राम चंड्र की ज़ै
होरि अवध की लागे हैं प्यारी
होरि आवध की लागे हैं प्यारी
लांगुरिया की उच्छल कुद से
रंग होरी का छाया
रंग होरी का छाया
आदभुत दीव्य प्रभु की लिला
राम चंड्र की लागे हैं प्यारी
राम चंड्र की लागे हैं प्यारी
भरत, शत्रूगन लक्ना नाचे, आयो ज्या भी जत जाई
हनुमद रंग भरे पिज़कारी, रंग खेले रग़ु राई
अरे रंग खेले रगु राई
सियापति राम चंड्र की घहेर
होरि अबध की लागे हैं प्यारी
सियासन खेलत हैं अबध बिहारे
होरि अबध की लागे हैं प्यारी
होरि अबध की लागे हैं प्यारी
सियापति राम चंड्र की घहेर
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