आगएल गरमीके दिना माहा हो,
छड़ होला छड़ महिना माहा हो,
तो मुझे का करें, एज भन्यो,
आरे ना गएल गरमीके दिना माहा हो,
छड़ होला छड़ महिना माहा हो,
बोलो ना खिती धरता तिसी,
जलो ना खाले दिहों पनिया पिया,
वेलखति दग्ग्लेवाहन,
जलो बाहरे माही नहीं मुझे पूरि जोसो
долларов रहा हो,
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आरे सुनीना
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