ओ जतूनेरे और विनेरे
कलिया में सज़ीनी
कलिया में सजीनी
सज़ना कलिया में सज़ीनी सारी महबतां दिराल के बचाई ये कलियां पे बच्ती
अङ्गनिक भुचदा मेदा यारा तब छे पीर दचारा
आज प्राज हर दिन वो पाये इक दोजे बचिन
बच्छप जाए
जब जप फिरे जम दुनिया खाल
दो में किसे न नदरेनाई जब में न जलत पतले हवालो बाशवती