हो जा चाहे जल के राख, चाहे मिट के खाख
तेरे हिसे में गम का क्सा रहेगा हर दम सात।
तेरे
हिसे में गम का किस्ता रहेगा हर दम सात.
चाहे जल के राख, चाहे मिट के खाक
जो भी दफन है सीने में
जिन्दा है तेरे घीने में
कुछभी कर ले नहीं जुड़ेगा
कुछभी कर ले नहीं जूड़ेगा
तूठे तेरे अलफास
چاہے جل کے راخ
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