सूर मता थो सूरुदे
कु सूरु हुझे तब धाईजे
निरन माता नारवहं एक लुडक हुझे तल काईजे
एक सूरु हुझे तब धाईजा मातों के सनंग
हर रोज करें तुना तुन हुझे सितंग
अन्या तो पुछे तक एड़ो अताईगं अन्या तो पुछे तक एड़ो अताईगं
एक सूरु हुझे तब धाईजा मातों के सनंग
गनेत गनाया तो खेकु हुझा जुलुमा केड़ा
वाइदा क्या ही केड़ा खया ही कसमा
तो
खासवा हिन दिल में ना है तो
इहो इजयो होन पिरी मुखे तो
पिरी
मुखे तो
कूड़ो पूड़ा वाइदा कूड़ा खयी कसमा हर रोज करें तो ना तू मुखे सितंग
अन्या तो पुछे तक एड़ो अताईगं
अन्या तो पुछे
तक एड़ो अताईगं
एक कुसूर हो जै तब थाया मातो के सनंग
जे भेरे केडा मेहना देई खोवठें तदे त मुखे बेवा बाबी
चैई खोवठें
कहें जी दिला जारण चंगी डालेना जुल्म सहन जैड़ो मुझो ही हालना
ही हालना
दर्दन जी दाहन दिनी तोखियारा
थम
हर रोज करें तोनो तुमुखे सितम
अन्या तो पुछें त कहेडो अथै गम
तब जाया मातो के सनम
केडो सागर शाक्य प्यारों आसंग दिल जुल्यो चडे तोखें समझो आप्यार जे काबल
तुखें डियाजार तोखें चातो मिले तोते मुते सारो तो जहान खिले जहान खिले
आसंग जे समझी प्यारा तुम पहजो कदम हर रोज करें तोनो
तुमुखें सितम
अन्या तो पुछें त कहेडो अथै ही गम
एक सूर हुझे त बदाया मातो के सनम
हर रोज करें तोनो
तुमुखें सितम