अब दमाशी का नात ने बेरा था आज हतियारा की बात करे
ना पके गणी रिपोटर तू काम सारे हालात करे
क्यों पारो साली का कितने
सुन मडर करे थे चार मने
हो रे तू गुण्डा क्यों बढ़ गया
शोक मैं ठाए ना हतियार मने
तू गुण्डा क्यों बढ़ गया
शोक मैं ठाए ना हतियार मने
इतना तौम ने भी बेरा त्रा काल का त्रा गेडे
जिन्दगी ता प्यार मन रहा नहीं मतलब के रगे चले
हो इतना तौम ने भी बेरा त्रा काल का त्रा गेडे
जिन्दगी ता प्यार मन रहा नहीं मतलब के रहगे चेरे
नो थोरा ना रधरा करते ना चाहिए किसे का प्यार मन
हो रै तो गुणदा क्यों बढ़ गया शोक मेठा ये ना हतियार मन
रै तो गुणदा क्यों बढ़ गया शोक मेठा ये ना हतियार मन
का सूरा थलिये मने बता क्यों बढ़ा गिंग बदमाशी का
गुंडली में लिखी गुंडा गर दी ओ खेल सा सारा राशी का
गुंडली में लिखी गुंडा गर दी ओ खेल सा सारा राशी का
ये शोक तेरे महंगे पढचा बचा वैसे हतियार मने
रै तु गुंडा क्यों बढ़ गया?
शोक मैं ठाये न हतियार मने
रै तु गुंडा क्यों बढ़ गया?
शोक मैं ठाये न हतियार मने
राशी साल