मली फुलनी जहाते ने इतो खोसारे गोटे खोसी दे बिलो
हासु धिबु महा महलो हात धरी नेबी साती रे
हाते संखा मथारे सिन्दूरा मुण्डारे ओठाणी सजे इदे रे
हासु धिबी रही रही रे हात धरी जीबी साती रे
हात धरी नेबी साती रे
गोला गोला गोला तो गोला लो, चाहु चाहु बरोसे गोला
आउ आउ हेला तो हेला लो, आउ की सो बाकी रोहिला
ता पप्रे कोईले हे बोरे, का उटिंगो सुना होई बो
खेतो हिरे मुण्डा पिटिले रे, उसुना की गोजा होई बो
अलकु चाहिले, अंधारोटा आलु आहे बो
अरे उमा सथाई, के मिति पुने यासी बो
अमनो निय उम्नो देली, तदिक्तोहातो पहाते रहिछिमु रे
आशि मते नै, जा रे, जाहि थी बिकेते दिनो रे
मलि फुलो निचोहाते नै, तो कोसारे गोटे कोसी दे दिलो
बसु थीगो महा महलो, हातो धरिने भि साथि रे
हाते संखा मथारे सिन्दुर मुण्डरे अढणी सजेई देरे
हासुती भी रही रही रे हातो धोरी जी भी साथी रे
हातो धोरी ने भी साथी रे
जीत जहारो पोरारे जनमरु लेखा थाये रे
बिधिर बिधानो एई रे एक पथाती आनो नुहे रे
एई मनो भाबे जहालो
काले प्रापत हुए ताहा
पस्ट कले खुष्ण मिलेलो
एक पथा तु मने रखि था
आरे जाहन्दी रे जी ए पकेई छी चाउलो
आलो बासी उठिबा फगुन रे आम्बा बाउलो
सत्त परसा गुबेले सत्त एक पथा जानी थामी छनुहे रे
भाग्योरे खाजे बेफितु रे पुहचाही दिनो जाउरे
मली फुलनी जहाते ने इतो खोसारे गोटे खोसी दे दिलो
बासु थीबु महा महलो आतधरी ने भी साथी रे
हाते संखा मथारे सिन्दुरा मुण्डरे ओड़ोनी सजेई दे रे
हासु थीबी रही रही रे आतधरी जी भी साथी रे