कबर सुनी जो इमामे हसन के आने की
हवाए होने लगी
हवाए होने लगी
सुलहा कुन जमाने की
बतूल की गोद में है हसने मूझतबा
मुस्तफा ने कहा मुर्तजा ने कहा मरहबा
तारे बतूल के गोद में है हसने मूझतबा
तारे बतूल के गोद में है हसने मूझतबा
ज़हरा तेरे गुलशन में
पहला पूल खिला है लाख मुबारिक हो तुझको
हसन सलार मिला है कहती है हाजरा
मर्यमों आसिया बतूल की गोद में
है हसने मूझदबा बतूल की गोद में
है हसने मूझदबा
नीदा नीदा नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी नीशा गारी न
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
मैं करूँ क्या भना उस सखी की सना
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
बतूल की गोड में है हसने मुझ्डबा
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