अरे रोशन है जहाँ सारा
अनवार का क्या कहना
ऐ शाहिर लाय तेरे दरबार का क्या कहना
अरे जैदाव अली कुल है हस नैन महत किसकी
इस बाग महमद के गुलजार का क्या कहना
तो पंजदनी गुलजार में है नूरानी हर एक कली
नूरानी हर एक कली
उसेन और असंदराव अली से करें महब्बत रभ जली
है तारीक दीनी यही
इनी से नसले नवी चली हसने ने चली
अली अली हस नैन फात्मा मारी अली हसने ने पार्थमा
अली अली हसने ने पार्थमा आरी ready याी अली हसने ने
अरीया लेटो अरीया रीज़ारे ने बार है मैहानी टोली
ब्रांसने ध्यान हो लो और एक बार खुलाने या नीचा
यही तो नूर अजल की है जगमगाती कीरन इनी से चमका है इमान और अकीदत का चमन
वो लाखों साल जो किंदील में रहा रोशन चमक रहे गए उसी नूर से ये नूरानी बदन हसनेन फातमा
अली अली हसनेन फातमा
अली अली हसनेन फातमा
अली अली हसनेन फातमा
दिया है सब्रोज कनाथ को दहर को पेघब
अरे दिया है सब्रोज कनाथ को दहर को पेघब
फरिष्टी
करते हैं आके जिनके दर पे सलाम
रसूले पाक भी करते हैं महबत इनसे
कसमों खुदा की यही तो है जीनत ए इसलाम
हसनेन फातमा
ये रुहे दीन हैं हुसने निजाम वाले हैं
रजाए रब हैं रसूले अनाम वाले हैं
चली हुरूफों में लोहो कलम पे ये है लिखा
ये चारो नाम बड़े एतराम वाले हैं हसनेन फातमा
अली अली हसनेन फातमा
अरे तखली के काइनात का मजहर यही तो है
मिया मोमिन की जान और मुकद्धर यही तो है
तखली के काइनात का मजहर यही तो है
मोमिन की जान और मुकद्धर यही तो है
सैराबे
बेफैज होके हर एक शैप कुकार उठी रब के करम का बैता समंदर यही तो है हसनेन फात्मा
मिया नाजा हूं के जहां के अनोखे उसूल है सारे नजारे मेरी निगाहों में धूल है
कहती है करबला के मैं बेतर हूं खुल्द से बागे रसूल के मेरे दावन में फूल है हसनेन फात्मा
मंहरे अधिआह झमाना ठीक है हमेशा खायश दुनिया से बेन धई रह cirgama में म utens्रण मैं इशांत का 1 राज रहे
हमेशा खायश दुनिया से बेनई आदर है ज़हां में बन के मैं इशाद का एक राज रहे हर एक महास पर हर
ताओरे आजमाईश में यहूदियों के भी झुर्मट में सरफराज रहे हसनैन फात्मा
अली अली हसनैन फात्मा
अली अली हसनैन फात्मा
मिया कसम खुला की यह है शाहकार कुदरत का
मिया कसम खुला की यह है शाहकार कुदरत का
हमेशा दर्द रहा जिनके दिल में उम्मत का
बरोदे हाथ
ये मुझको यकीन कामिल है बनेंगे वाकई जरिया मेरी शिफात का हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
किसी ने महर में माँगी निजात उम्मत की
किसी को मिल गई ताईद भी इमामत की
किसी ने कर दिया राहे खुदा में खुद को निसार
इनी के दम से तो रोनक बड़ेगी जलनती
कि हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अरे मुझ पर मेरे नभी जो महर्बान हो गए
मिया मुझ पर मेरे नभी जो महर्बान हो गए
पेचीना मसले
स�ences
सब ही आसान हो गए देखो तो एहले मैद की ऐ मौमिनों ये शान फजले खुदा से जीनते कुरान हो गए हसनेन फात्मा
अरे हुसने अजल जो जाते शहे अंभिया में हैं अक्से जमालूसी का अली मुर्तजा में हैं ये पैकरे तजली हैं बश्री लिबास में मक्सूद इनका जिकर खुदा की रदा में है हसनेन फात्मा
अरे तवरेद जिनकी शान और फजीलत बया करे इनजील भी जुबूर भी अजमत आया करे तक्तीरे बनती देखी हैं तालीम से जिनकी ताजीम जिनकी आज भी सारा जहां करे हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
खुदा वदना ना मालो जर ना मुझको ताज़े शाही दे तेरे प्यारे का शैदा हूँ ना ये दाओरे तबही दे
तडब दे दे मेरे दिल को
नभी
पीजादों की है माहुला के सोते जाते नुरानी हर चेरा दिखाई दे हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अरे बल पड़ने लगे देखो पेशानी ये जुल्मत में
अरे तालिब का गहर चमका जब दशते मशियत में
इन पर है फिदा कमल काउनेन की रानाई
आखे हैं खुली जिन की आगोशे रिसालत में हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
अली अली हसनेन फात्मा
जो गुल खिलाए अली ने शहेजमा की दरा
बना दिया इसे जैरा में गुल सिता की दरा
अली ओ फात्मा हसनेन के हासी किरदार
दिलो दिमाग में है गूजते आजा की तरा
अली अली हसनेन फातमा अली अली
अरे जूमते हैं वो सभी तनवीर किया गोश में आ गए जो ना रहे तकबीर किया गोश में
खाजाए अज में इरका बेशक यही इरशाद है है बिनाए लाला शमवीर किया गोश में हसनेन फातमा
अली अली हसनेन फातमा
अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अल
त्यौह सिर्फ की रह है कि हुए यहां से पैदावा अली अली अली अली तेकि जो तेकि छोड़ित आली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली अली हफता
अली अली हसनेन पात्मा
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