जैसी, जैसी, जैसी, बोल, बोल, बोल, बाँख
अबी चलावा तानी गारी सहार में, बिठ जाई पूरा सावन देव घार में
कुछ दिमांड है तो बसाओ
अबी चलावा तानी गारी सहार में, बिठ जाई पूरा सावन देव घार में
बंड भर माईस तो कुछू हमर बोला ये गुडिया
जीजा ले ले आई हाँ हाँ हाँ, जीजा ले ले आई हाँ हाँ हाँ हाँ आधी आधी चुडिया
तानी दीदी ओला होये गुसे नके पुड़िया
कहा ता तोहरा लाशिव जी से बार मांगले
खुस रखो हर दम नी मन घर बार मांगले
हारे बाद जीजा जी
जो जाक में तिकोली भूलाये बजी
बार साथी भी जरूने किन के लाये बजी
कहा जाने भारत है कि आप को प्रिछते हैं
कोई के जल धारी कुल सारी समान कहरिद ले बो
चोटी जान तू मन कोरी हात तो हर तोड़व न उमीद हो
विस्वास रातो समना
गों भारा ले ले बचार चा कगाड़ि
मामा जी खाती चही गोसूनर सारी
बुधि तो हर बाते है सुमपर सेधी उपर ले गुडीयः
आर सुने
जीजा ले ले लाई हो हुरी झुडिया
पनि दिजीया न होई गोशिन के पुडिया
जीजा ले ले लै हुरी अद जुडिया
पनि दिजीया न होई गोशिन के पुडिया
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