आज आखिया से और पहीं
रो अतना बानी अपने घिर जाता लो रहो
जाय दो लेगा, छूथ हो जाय
देखी आई सन फिगर जीघर का पंता हो रहो
रो अतना बानी अपने घिर जाता लो रहो
एहो
होई जब विदाई ता दरद आउरी बड़ी
सब के हुमरी खलबाटे घेर के तारमार
ब्यारे के कीमत यज बुजायल बापार
पिया इसे बोला जन कारे जाओ बोलीया हो
सोनों के याद
परबुध घरी घरी
अरे अखिया से लोर पहले पोछाए हमार सोना तब तोहर भारावी चड़ी