मन मारी के काहे तू बैठा तारू
काहे धो के कोमरिया तू अइठा तारू
बोला! का हो गई लृ?
मन मारी के काहे तू बैठा तारू
काहे धो के कॉमरिया तू अइठा तारू
रह तारू काहे, एहو, राणि
अच्छे तू भून, भून हो
राद दी होलो, दो रदिया आओ दूना हो
च्छा पतानी बोलो, मुहर दिच्छूना हो
आँगे, आँगे, तू तो तराजा
बध हमर करे हाईया हो
अभी तो पुन कट बाते जमानी
तू रजानी साईया हो
जब देली दवाई ना ही घोटेलू हो
खाली से जिया परात भर लोटेलू हो
एहो राणी पिला पाणी
लायल बाणी गुन गुना हो
परात से दिँराा दिया आदूना हो
च्छा पतानी बोलो, मुहर दिच्छूना हो
फुले फुला एदि तोने हमते, एहो राजा साई जे
हो जाएब तो यार तो कब फ़रम ना ना है ना है जे
फ़रम ना ना है ना है जे
लाज के बात के हुसे ना को हल जाला, भले हुला दरद राणी सो हल जाला
कुछ हुना होई विश्वास कर, आवा बजादी जुन जुना हो
प्रात दिहलो दरदिया आदो ना हो चाप तानी बलो मुहर दिच्चुना हो