हर हर शंभूहर हर शंभूहर हर शंभू, महादेव, देवों के देव महादेवगले में सर्प की माला, कंठ में विश है धारागले में सर्प की माला अंध में विश्य है भारासंत हो या हो दाना हर भक्त शिव को प्याराहर हर शंभू महादेव देवों के देव महादेवहर हर शंभू हर हर शंभूमोह माया भोग विला सब शिव शंकर के दासकाम क्रोध को वश में करके बैठा वो कैलाशमोहमाया भोग विलास सब शिव शंकर के दास काम क्रोध को वश में करके बैठा वो कैलाश उसकी महिमा निराली दुखियों का वही सहाराउसकी महिमा निराली दुखियों का वही सहारासंत हो या हो दानव हर भन्त शिव को प्यारा हर हर शंभू महादेव देव ओंखे देव महादेवकि अकर दोमिलूणा हर शंबू हम से हेल था एक आदि अंत हो महाक्यानी तुम हम सेवक तुम स्वामी तुमनटराज महेश सुरेश अजरअमर अंतरयामी आरीदी अंत हो महाज्ञानी तुम हम सेवक धुमुस्वामीतुम नटराज महेश सुरेश अचर अमर अंतर्यामीहव सागर से पार करो हो लगा दुनया किनारीसंत हो या हो दाना हर भक्त शिव को प्याराहर हर शम्भू महादेव देवों के देव महादेवहर हर शम्भू महादेव देवों के देव महादेवगले में सर्प की माला कंठ में विश है दारासंत हो या हो दाना हर भक्त शिव को प्याराहर हर शंदू महादेव देवों के देवमहादेव