भूले के दर पे चल पड़ा
मन में भक्ती का दीज़ला
पहाडों की गोद में बसा
अमरनात का दरबार साजा
हर्रर महादेव का जैकारा शिव के नाम का प्यारा नारा
संग चले ये भक्तों का सागर भूले के दर पे जुका हर माथा
गुफा के भीतर बर्फीली चवी
शिवलिंग की अदभूत दीव्य चवी
भक्तों के दिलों में उच्छा है
हर सांस में भूले का सात्र है
परवतों की उचाई को मापे भक्ती की गेहराई में जांके
चर्णों में जुकते हर
इंसान शिवसे मिलती हर वर्दाँ
हर हर महादेव का जैकारा शिव के नाम का
प्यारा नारा संग चले ये भक्तों का सागर भूले
के दर पे जुका हर माथा हर हर महादेव का जैकारा शिव के नाम का
प्यारा नारा संग चले ये भक्तों का सागर भूले के दर पे जुका हर माथा
हर कोई गाता भक्ती गाता
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật