हर हर हर गंगे
हर हर हर गंगे
यमुना सरस्वति से संगं तुम्हारा
यमुना सरस्वति से संगं तुम्हारा
संगं बना तिर्ठराज
संगं बना तिर्ठराज
धारथी का ये दिर्ठ है सब सन्यारा
धारथी का ये दिर्ठ है सब सन्यारा
सबका सवारे है काज
सबका सवारे है काज
जो आस लेकर विश्वास लेकर आए
वो पाएं सहारा
हर हर हर गंगे
श्री हरी के चर्णों का प्रच्चाल पावन
बनके अमिय प्यासी धर्थी पे आया
यम की बहन सूर की पुत्री यमुना का
अदुलित अगम जल तुम ही में समाया
भोरा
हर हर हर गंगे
हर हर हर गंगे
श्री हरी के चर्णों का प्रच्चाल पावन
हर हर हर गंगे
निकली हिमाले से सागर समाने
अतिदिव आउशदियां जल में समेटे
धर्ती को सीचे जीवों को पाले
अविरल बहे अन्धन देते देते
निकली हिमाले से सागर समाने
अतिदिव आउशदियां जल में समेटे
धर्ती को सीचे जीवों को पाले
अविरल बहे अन्धन देते देते
समाले तु संसार सारा
हर हर हर गंगे
समाले तु संसार सारा
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