यह प्रेम सदा
भरकूर रहें
अनुमान तुमारे चर्णों में
यह प्रेम सदा
भरकूर रहें
अनुमान तुमारे चर्णों में
यह अर्ज मेरी मनजूर रहें
अनुमान तुमारे चर्णों में
यह प्रेम सदा
यह अर्ज मेरी मन्जूर रहे अनुमान तुम्हारी चर्णों में
यह प्रेम सदा भर्कूर रहे
निज जीवन की यह डोर तुम्हें सोपी है दया कर इसको धरो
निज जीवन की यह डोर तुम्हें
उधार करो ये दास पड़ा अनुमान तुम्हारे चरणों में
उधार करो ये दास पड़ा अनुमान तुम्हारे चरणों में
यह ब्रेम सदा भर पूर रहे
जै हनुमान ज्यान गुनसाव जै लपेश पे हुलों पे उजाव राम दूत अकुलित बल राम अंजन पूत्र पवन सुत नाम
संसार में देखा सार नहीं तब ही चरणों की शरण गई
संसार में देखा सार नहीं
तब ही चरणों की शरण गई
भवबंध कटे यह विनिती है
भवबंध कटे यह विनिती है
अनुमान तुम्हारे चरणों में
भवबंध कटे यह विनिती है
अनुमान तुम्हारे चरणों में
यह प्रेम सदा भर पूर रहे
आखों में तुम्हारा रूप रहे
मन ध्याने तुम्हारे में मगन रहे
आखों में तुम्हारा रूप रहे
मन ध्याने तुम्हारे में मगन रहे
तन अर पित नीझ सब कर्म करें, अनुमान तुम्हारे चर्णों में
तन अर पित नीझ सब कर्म करें, अनुमान तुम्हारे चर्णों में
यह प्रेम सदा भरे पूर रहे
जेह नुमान ज्यान गुन सागर जैन लपीश के हुलोके रुजागर
राम दूत रकुलित बलगाम अंजनि पुत्र पवन सुत नामा
वह शब्द मेरे मुख से निकले मेरे नात जीने सुन कर पिघले
देविन्द्र रागविन्द्र के भाव ऐसे रहे
देविन्द्र रागविन्द्र के भाव ऐसे रहे
देविंद्र के लाश के भाव ऐसे रहे हनुमान तुम्हारे चरणों में
यह प्रेम सदा भर पूर रहे
झाल
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