श्री हनुमान जी का सर्वाधिक लोकप्रिय अर्चन और अस्तमन श्री हनुमान चालिसा है।
सम्पूर्ण विश्व में हनुमान चालिसा का जितना पाठ होता है, उतना किसी और मंत्रकाया छंद का नहीं होता।
श्री हनुमान चालिसा की एक एक चोपाई मंत्र है, जिसकी सिद्धी से किसी भी प्रकार के मनूरत को प्राप्त किया जा सकता है।
प्रति दिन प्रातह काल और सायं काल श्री हनुमान चालिसा का पाठ अत्यंत शुभ एवं कल्यान कारी फल प्रदान करता है।
आईए हम सब श्री हन्मान चालिसा का पाठ करते हैं
बुद्धिहीन तनु जानी के सुमिराओ पवन कुमार
बल बुद्धिवी द्या देहू मोही हर हु कलेस विकार
जय जय राम जय जय राम जय जय राम सिया राम
जय हनुमान ग्यान गुण सागर
जय कपी सिति हु लोप उजागर
राम दूत अतुलित बल खामा
अंजन प्रशत परशत हु राम
पूत्र पवन सुथ नामा
महावीर बीक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचीत केसा
हाथ बाजर और धजा बिराज
कान हे मूझ जने उसाजे
संकर सुवन के सरी नंदन
तेज प्रताप महाजग
वंदन विद्यावान गुणी अतिचातुर
राम काज करी बेको आतुर
प्रभु चरित्र सुनी बेको रसिया
राम लखन सी तामन बसिया
सुक्ष्म रूप धरी सी यही दिखावा
बिकट रूप धरी लंगा
शंक जरावा
भीम रूप धरी असुर संघारे
राम चंद्र के काज समारे
जय जय राम शिया राम जय जय राम के हनुमान
लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरसी उरलाए
रघुपति केन ही बहुत बढ़ाए
तुम मम प्रिय भरत ही समभाई
सहस बदन तुम है रोजस गावे
अस कह श्रीपति कंठ लगावे
सनका दिक ब्रह्मादी मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा
जम कुबेर दिगपाल जाने
कहां ते कभी कोविद कहि सकहे
जय जय राम शियाराम जय जय राम के हनुमण
तुम उपकार सुगरेवहि कीनहा
राम मिला ये राज वो
पद दीना तुम्हरो मंत्र विभेशन माना लंकेश्वर भै सब जग जाना
जुग सहस्त्र जो जन पर भानू लील्यो ताही मधुर पल जानू
प्रभ मुद्रिका में लिमूख माही जल धिलांगी गए अचरज नाही
दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनोग रह तुम्हरे तेते
जैजे राम सियाराम जैजे राम के हनुमाम
राम दुआरे तुम रखवारे होतन आग्यां बिनु पैसारे
सब सुखल है तुम्हारी सरना तुम रख्षक का हूँ को डरना
आपन तेज सम्हारों
आपे तीनों लोग हाकते कापे भूत पिशाच निकट नहीं आवे
महा बीर जब नाम सुनावे नासे रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
जैजे राम सियाराम जैजे राम
ते हनुमान जैजे राम सियाराम जैजे राम ते हनुमान
संकट ते हनुमान छुडावे
मन क्रम बचन ध्यान जो लावे
सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज
सकल तुम साजा
और मनो रथ जो कोई लावे
सोई अमित जीवन फल पावे
चारों जुग पर ताप तुम्हारा
है परसिद जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदारा
संदन राम दुलारे
जैजे राम सियारा
जैजे राम के हनुमार
अश्ट से धिनान धिके दाता
असवर दीन जाने की माता
राम दुलारे
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
तुम्हरे भजन राम को पावे
जनम जनम के दुख बिसरावे
अंतकाल रघुबर पूर जाई
जहां जन्म हरिभक कहाई
और देवता चित नधरई
हनुमत से ये सर्व सूख करई
जै जे राम सिया राम
जै जे राम के हनुमान
जै जे राम सिया राम
जै जे राम के हनुमान
संकत कटे मिटे सब फीराम
जो सुमिरे हनुमत बल बीरा जै जै जै हनुमान गोसाई
कृपा करहूं गुरु देव गिनाई
जो सत बार पाठ कर कोई छूट ही बंदी महा सुख होई
जो यह बढ़े हनुमान चाली सा हो यह सिद्ध साखी गोरी सा
तुलसी दास सदा हरी चेरा की जै नाथ हरदे महडेरा
जै जै राम सिया राम जै जै राम के हनुमान
पवन तन संकट हारन मंगल मूरते रूप
राम लखन सीता सहित रिदय बसहु सुर भूप
पवन तन संकट हारन मंगल मूरते रूप
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