जवन के यतना दूखो देनू बाड़ा है ये
बोलाओ ना कहाँज़वन के यतना दूखो देनू बाड़ा है ये
मौजी मत्तव या कुमर में कटा पंगले हाथ में बाड़ा है
तो बुछी है बाबु हो है
मज़णूया हमार बाड़ा है
उह होटे कसाई न केहु बचाई जोही आग चोठ जोही बहाँ
आहाँ
बाज कराये हाँ
का पले
तुहारा बुजा का की होटे उसे रहो
हमारासे कब हो मिला तो एक बेर हो
मिला हो
पले लहयो निर्बानी दखल अंडर न कोई जिगर बादा होई
तो बुछी है बाबु हो है मज़णूया हमार बादा होई
ठीक बाद
बुजा दिप सोवक तुहार फाट जाई भोग आजर साइरी सुधर जाई वोग
हानो
बड़काथे पतर दुसरा के दाम पभुपेन हेला धाल हो
राजु पभुएन के नमाना का हॉल हो
लाखो के भीड मैं सिंग धरंवीर के नामे के हाला होई
कप पुछी हाई बाबु होई मज़रू हमार बादा होई