हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
अपने हर गंग को छुपा कर दिल में
तेरी दुनियां से चले जाए रहे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
खाब क्या क्या न जगम गाए थे
बुझ गए जो दिये जलाए थे
अपनी नाकाम तमनाओं को
अपनी नाकाम तमनाओं को
साथ हम लेके चले जाएंगे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
तेरे कदमों पे सब निसार किया
तूने फिर भी नेतबार किया
हम ख्यालों में भी आएंगे
न तेरे हम ख्यालों में भी आएंगे
न तेरे इस तदर दूर चले जाएंगे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
हम किसी को भी याद नहीं आएंगे
अपने हर गंव को छुपा कर
दिल में आएंगे
तेरी दुनिया से चले जाएंगे
हम किसी को भी याद