Nhạc sĩ: Majrooh Sultanpuri, R. D. Burman
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जैपूर से निकली गाड़ीदिल नी चले हल्ले हल्लेजोरी का दिल छोरे संग थक धक बोले हल्ले हल्लेजैपूर से निकली गाड़ीदिल नी चले हल्ले हल्लेछोरी का दिल छोरे संग थक धक बोले हल्ले हल्लेपहले होता है कुछ कुछतिर हो जाता है सब कुछ मैं तो रख दूँगा दिल निकाल केजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले खले हलेछोरे का गिल छोरी संधक धक बोले हले हलेजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हलेछोरे का गिल छोरी संधक धक बोले हले हलेपहले होता है कुछ तिर हो जाता है सब कुछसैन्या जी तिर भी देख भालिकेजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हलेछोरी का बिल छोरे संधक धक बोले हले हलेजब मेरी उल्बाअलफत की पटरी मिल गई तेरे दिल सेअर्मानों की काड़ी फिर दोड़ाएं दोनों मिलकेओई जब से तुझ से मिलने की रिल्मे मेरे समाईमैंने भी अब जो हो सो हो जंडी हरी दिखाईये तेरी मरजी है तो फिरये तेरी मरजी है तो फिर देख मैं क्या क्या करता हूँ रे हले हलेहले हले जैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हलेतो रे गाज़ जोरी संगगग बोले हले हलेतो रे गाज़ जोरी संगगब बोले हलेतो रे गाज़ जोरी संगगब बोले हलेतो रे गाज़ जोरी संगगब बोले हलेहले हले जैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हलेजोरी का दिल जोरी संगगब बोले हले हलेजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हलेजोरी का दिल जोरी संगगब बोले हले हलेपहले होता है कुछ कुछ फिर हो जाता है सब मुझमैं तो रख दूँगा दिल निकाल केजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हलेजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हलेजैपुर से निकली गाड़ी दिल्ली चले हले हले