एक गोची रही के चक्कर में बाबा का दिल दिवाना हो गई
आज जोनपुर से या भाईया गंगा पर ले याना जाना हो गई
लेकिन टिटी हिरियों के बड़ा प्यार रहा है भाईया
अरे भोला भाईया आजे बाबा रहा है
छापटा बारे भोला भाईया गोल भाईया गोलो जोडा बाबा
खेद के तैया तार सलाया पत्पन का सब बेच सिस्च रहया
ए भाईया सुना सुना वः
खेद के तैया तार सलाया पत्पन का सब बेच सिस्च रहया
गुलडकडाल बैठी
बाबा के देखी बदन स़ारा लैठी
गुलडकडाल बैठी
बाबा के देखी बदन स़ारा लैठी
गुलडकडाल बैठी
कुल्से कुल्से रैठी
बोला ना, एहो, बोला भाईया, बिंटू हो, कैसे बढ़ोगी, उड़के का
दिजे बरे, दिजे बरे, दिजे बरे, इयो, पिया
और खोर कै पोलर खाईन, तड़पे लागिन प्यास मैं, दड़पे लागिन प्यास मैं, उड़पे लागिन प्यास मैं, इन गुइयां दोजन तले से गिहरे, पानी की का लास, आइ, पानी की राला
पानी लव के नीचे
पानी पियें तलिट पिहरें गिर गई कुईयां बीचे
बड़का सिकारें हबाबा देला वाले
कुईयां मा जाल डाले
पानी गंगा पर से उड़ित तिहरें बैठे
कहां कहां बैठे
गोलर के डाला बैठे
पानी लव के नीचे
वो देखा जाल भारिके
देखा जाल भारिके
वो देखा जाल भारिके
तीछे तीछे ताउरे बापा
धोते उतारिके
धोते उतारिके
वो धोते समारिके
दिलवा के हारा
भायला जार बाबा
उठारे
भारदा भारदा भारदा धोती
उठारे भारदा भारदा
उठारे भारदा
प्रैट जियो प्रैट जियो
उठारे भारदा भारदा भारदा
वंगा पर से उलिट के हर बैठे
अरे मैठी मैठी कैसे वैठी
वो लर्क डाला बैठे
वो लर्क डाला बैठे
वो लर्क डाला बैठे